एम्स्टर्डम फुटबॉल मैच के बाद यहूदी-विरोधी झड़पें: समझें घटनाक्रम

9 नवंबर 2024
एम्स्टर्डम फुटबॉल मैच के बाद यहूदी-विरोधी झड़पें: समझें घटनाक्रम

एम्स्टर्डम फुटबॉल मैच के बाद उभरी यहूदी-विरोधी झड़पें

एम्स्टर्डम में हुए यूरोपा लीग फुटबॉल मैच के बाद उभरी यहूदी-विरोधी झड़पों की घटनाएं अंतरराष्ट्रीय मंच पर चर्चा का विषय बन गई हैं। अयाक्स और मक्काबी तेल-अवीव के बीच हुए इस मैच के बाद हिंसा की लहर फैल गई, जिसने ना केवल डच शहर में बल्कि पूरे विश्व में यहूदी समुदाय के भीतर चिंता बढ़ा दी। रिपोर्ट्स के अनुसार, अयाक्स ने 5-0 से मैच जीतते ही विभिन्न क्षेत्रों में संघर्ष और झड़पें शुरू हो गईं।

डच और इज़राइली नेताओं की प्रतिक्रिया

डच प्रधानमंत्री डिक शॉफ ने इन झड़पों को 'पूर्णतः अस्वीकार्य' बताते हुए यहूदी-विरोधी हमलों की निंदा की। उन्होंने इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को आश्वासन दिया कि दोषियों को सजा दिलाने के लिए तत्परता से कार्य किया जाएगा। प्रधानमंत्री शॉफ ने इन हिंसक घटनाओं से गहरे सदमे की भावना व्यक्त की और इज़राइली नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अपने प्रयासों को दोहराया।

इज़राइल की प्रतिक्रिया

इज़राइल प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इन घटनाओं को अत्यंत गंभीरता से लिया और कई रेस्क्यू विमानों को न्यूनीकरण के लिए भेजे जाने का आदेश जारी किया। एम्स्टर्डम में इज़राइली दूतावास ने आरोपी समूह को निर्दोष इज़राइली नागरिकों को निशाना बनाने वाला भीड़ करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि मक्काबी के सैंकड़ों प्रशंसकों पर स्टेडियम छोड़ने के दौरान हमला किया गया।

इज़राइल में हालात

इन हिंसक घटनाओं के मद्देनजर इज़राइल राष्ट्रपति यित्जक हरज़ोग ने इन झड़पों को 'यूरोप के लिए संकट' के रूप में देखा। उन्होंने डच सरकार से आग्रह किया कि वे यहूदियों और इज़राइली नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। साथ ही, इज़राइली सैन्य बल ने एम्स्टर्डम में फंसे इज़राइली नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए विशेष कार्ययोजना लागू की। इस योजना में मेडिकल टीमें और रेस्क्यू विमान शामिल थे।

प्रदर्शन स्थल पर रोक

इन झड़पों के पूर्वाग्रह में एम्स्टर्डम के मेयर फेमके हालेसेमा ने सुरक्षा कारणों से स्टेडियम के पास प्रस्तावित प्रो-फिलिस्तीनी प्रदर्शन को रोक दिया था और उसे अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया था। इस फैसले का उद्देश्य संभावित हिंसा को रोकना था, लेकिन इसके बावजूद झड़पें हो गईं।

बढ़ती यहूदी-विरोधी घटनाएं

वर्तमान वैश्विक माहौल ने यहूदी-विरोधी विचारधारा के बढ़ते मामलों को उजागर किया है। पिछले कुछ समय में, इज़राइल का ईरान समर्थित गुटों के साथ चल रहे संघर्ष और नागरिक मौतों से जुड़ी खबरों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में गहरी चिंताओं को जन्म दिया है।

इस घटना ने यहूदी समुदाय में गहरे डर और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। स्थानीय अधिकारियों और अंतरराष्ट्रीय नेताओं को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि ऐसी घटनाएं भविष्य में सेहतमंद समुदायिक संबंधों में बाधक न बनें।

7 टिप्पणि

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    Anand Itagi

    नवंबर 9, 2024 AT 03:11
    ये सब बस फुटबॉल के चक्कर में हो रहा है ना? असली मुद्दा तो यूरोप में यहूदी समुदाय के प्रति बढ़ती नफरत है। मैच तो बस आग लगाने का तरीका था। हम भी इस तरह की घटनाओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते।
    क्या हमारे देश में भी ऐसी बातें होती हैं? कभी-कभी लगता है कि दुनिया भर में एक ही नाटक चल रहा है।
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    Sumeet M.

    नवंबर 10, 2024 AT 12:52
    इज़राइल के लिए ये सब बहुत बड़ी बात है! लेकिन यूरोप के लोगों को याद दिलाना होगा कि यहूदी बस एक नस्ल नहीं, एक संस्कृति हैं! जिन्होंने दुनिया को विज्ञान, दर्शन, चिकित्सा सब कुछ दिया है! और अब ये लोग फुटबॉल मैच के बाद हिंसा कर रहे हैं? ये नहीं हो सकता! ये तो अंधविश्वास है! ये तो अपराध है! ये तो इंसानियत के खिलाफ है!!!
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    Kisna Patil

    नवंबर 12, 2024 AT 08:33
    यहाँ तक कि एक खेल भी अब राजनीति और नफरत का बर्तन बन गया है। ये नहीं होना चाहिए। किसी भी समुदाय के लिए अपने आप को निशाना बनाने का कोई अधिकार नहीं है। इज़राइली नागरिकों को सुरक्षित रखना हर देश की जिम्मेदारी है। ये बस एक मैच नहीं, ये एक चेतावनी है। अगर हम इसे नजरअंदाज करते हैं, तो अगला कदम क्या होगा? इसका जवाब देने का समय अब है।
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    ASHOK BANJARA

    नवंबर 13, 2024 AT 10:15
    इतिहास दिखाता है कि जब भी राष्ट्रीय भावनाएँ और खेल का मिश्रण होता है, तो नतीजा अक्सर त्रासदी होती है। यहूदी-विरोधी हिंसा एक ऐसा विषय है जिसका जड़ें यूरोप के इतिहास में गहराई से बंधी हैं। ये घटनाएँ केवल एम्स्टर्डम की नहीं, बल्कि पूरे पश्चिमी संस्कृति की असफलता हैं। जब तक हम इन भावनाओं को नहीं समझेंगे, तब तक इनका दोहराव होता रहेगा। यहाँ तक कि नागरिक सुरक्षा के नाम पर प्रदर्शन रोकना भी एक टाइम बम है।
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    Sahil Kapila

    नवंबर 14, 2024 AT 15:34
    सुनो यार ये सब बहुत बड़ी बात बना दी गई है। फुटबॉल मैच के बाद थोड़ी झड़प हो गई तो क्या हुआ? अमेरिका में तो हर वीकेंड कुछ न कुछ होता है। ये लोग तो बस अपनी नाराजगी को दुनिया के सामने लाना चाहते हैं। इज़राइल को अपने अंदर की बातें सुलझानी चाहिए न कि यूरोप को दोष देना। ये सब तो बस ट्रेंड है। जल्दी ही ये भूल जाएंगे।
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    Rajveer Singh

    नवंबर 15, 2024 AT 21:23
    हम भारतीय लोग इस तरह की बातों को नहीं समझते। हमारे देश में तो हर धर्म एक साथ रहता है। यहूदी विरोधी हिंसा? ये तो बस यूरोप की बीमारी है। हमारे देश में तो मुस्लिम, हिंदू, ईसाई सब एक साथ खेलते हैं। ये लोग अपने अंदर के विष को बाहर निकाल रहे हैं। इज़राइल के लिए तो ये सब एक चेतावनी है कि वो अपनी नीतियों को बदलें। ये सब अपने आप में एक जंग है।
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    Ankit Meshram

    नवंबर 17, 2024 AT 02:20
    ये बस एक शुरुआत है।

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