जब बिग बॉस की पूर्व कंटेस्टेंट Shefali Jariwala का अचानक कार्डियक अरेस्ट के कारण निधन हुआ, तो रियालिटी‑शो की चमकीली रोशनी में एक काली छाया पड़ गई। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना मुंबई के कूपर अस्पताल में 2 जुलाई 2025 को दर्ज की गई, और साथ ही शो से जुड़े सात प्रतिभागियों की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को फिर से बयां कर गई।
बिग बॉस का हर सीज़न एक बेड़ा बनाता है, जिसमें कलाकार, अभिनेता और अक्सर आम लोग एक साथ यात्रा करते हैं। लेकिन कई सालों में एक पैटर्न उभर कर आया है: लगातार तनाव, अनियमित नींद और कभी‑कभी कलंक‑भरे उपचार विकल्पों का प्रयोग। विशेषज्ञ कहते हैं, टेलीविज़न की तेज‑रफ़्तार दुनिया में तनाव हार्मोन का जलवाला बढ़ जाता है, जिससे हृदय‑धड़कन, इम्यून सिस्टम और यहाँ तक कि कैंसर जैसी बीमारियों की संभावना भी बढ़ती है।
Shefali Jariwala, जो 2019 के बिग बॉस 12 की भागीदार थीं, ने सालों से एंटी‑एजिंग दवाओं जैसे ग्लूटाथियोन और विटामिन‑C के इंजेक्शन ले रही थीं। पास के एक पुलिस सर्वे में पता चला कि वह पिछले सात‑आठ सालों से खुद‑से दवा और इंजेक्शन लेती आ रही थीं, और आखिरी बार व्रत के दौरान भी वह एंटी‑एजिंग इंजेक्शन ले चुकी थीं।
डॉक्टरों ने माना कि इन स्व‑मैडिकेशन प्रथाओं से कार्डियक अरेस्ट हो सकता है। एक करीबी दोस्त ने पुलिस को बताया कि मृत्यु से कुछ ही घंटे पहले Shefali को सिरदर्द और चक्कर आ रहा था, पर उसने डॉक्टर से मिलने को टाल दिया। पोस्ट‑मार्टम रिपोर्ट, जो 2 जुलाई को कूपर अस्पताल से मिलने की उम्मीद थी, अभी भी अंतिम कारण स्पष्ट नहीं कर पाई है।
Shefali ने पहले एक इंटरव्यू में खुलकर बताया था कि वह बचपन से ही मिर्गी से जूझ रही थीं। यह दवा‑पर्यटन, कभी‑कभी सर्जिकल इनवेसिव प्रक्रियाएँ, उनके काम‑के‑समानांतर तनाव को दो‑गुना कर देती थीं।
इन सबके बीच, एक बात स्पष्ट है: बिग बॉस की चमक‑धमक के पीछे अक्सर अनदेखी स्वास्थ्य‑संकट छिपा होता है।
Dr. Ajay Mehta, कार्डियोलॉजी विशेषज्ञ, ने कहा: “लगातार तनाव, अनियमित भोजन और बिना डॉक्टरी सलाह के दवाओं का सेवन हृदय‑धड़कन को खराब कर सकता है। पोस्ट‑मार्टम रिपोर्ट से पता चल सकता है कि Shefali के केस में इन कारकों का मिश्रण मुख्य कारण हो सकता है।”
डॉक्टर ने सुझाव दिया कि टेलीविज़न पर काम करने वाले लोगों को नियमित हेल्थ‑चेक‑अप, पोषण विशेषज्ञ की सलाह और मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग को अनिवार्य बनाना चाहिए। “किसी भी दवा को स्वयं‑प्रशासन की तरह लेना खतरनाक हो सकता है,” उन्होंने चेतावनी दी।
कूपर अस्पताल की पोस्ट‑मार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट कारण सामने आ सकता है, पर अभी तक यह एक खुला सवाल बना हुआ है। बिग बॉस के निर्माताओं ने कहा है कि उन्होंने प्रतियोगियों की सुरक्षा के लिए अब से “कड़ी मेडिकल क्लियरेंस” लागू कर दी है। साथ ही, कई कंटेस्टेंट्स ने सोशल मीडिया पर अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का वादा किया है।
हमें यह याद रखना चाहिए कि स्क्रीन पर दिखने वाला ग्लैमर अक्सर एक कठोर वास्तविकता को छुपाता है। यदि आप या आपका कोई परिचित टेलीविज़न या फ़िल्म इंडस्ट्री में है, तो नियमित जांच, संतुलित आहार और पेशेवर सलाह को प्राथमिकता दें। आखिरकार, हार्दिक स्वास्थ्य ही असली जीत है।
प्रारंभिक रिपोर्टों में कहा गया है कि कार्डियोवैस्कुलर घटक प्रमुख कारण हो सकता है। लगातार एंटी‑एजिंग इंजेक्शन, स्व‑मैडिकेशन और मिर्गी का इतिहास इस मामले में संभावित ट्रिगर माना जा रहा है। पूर्ण पोस्ट‑मार्टम रिपोर्ट के बाद ही निश्चित निष्कर्ष निकाला जा सकेगा।
हिना खान स्टेज 3 ब्रेस्ट कैंसर से लड़ रही हैं। उन्होंने अपनी उपचार प्रक्रिया को सार्वजनिक किया है, जिससे कई महिलाओं को जल्दी जाँच करवाने का महत्व समझ आया है।
दसियों के केस दिखाते हैं कि तनाव‑संबंधी हृदय समस्याएँ, कैंसर, लिवर रोग और मिर्गी जैसी न्यूरोलॉजिकल स्थितियां अक्सर सामने आती हैं। अत्यधिक काम‑के‑घंटे और असामान्य डाइट इन रोगों को बढ़ा सकते हैं।
हाल ही में बिग बॉस के निर्माताओं ने एक कठोर मेडिकल क्लियरेंस प्रोटोकॉल लागू किया है। इसमें हृदय‑धड़कन, रक्त‑शर्करा, कैंसर स्क्रिनिंग और मानसिक स्वास्थ्य की संपूर्ण जांच शामिल है। यह प्रोटोकॉल भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बनाया गया है।
अक्सर जानकारी की कमी, तेज़ परिणामों की चाह और खर्च‑कम होने की धारणा लोगों को दवाओं को बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के इस्तेमाल करने पर मजबूर करती है। इस तरह की प्रैक्टिस हृदय‑रोग, यकृत‑विफलता और अन्य गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकती है, जैसा कि Shefali के केस में दिखाया गया है।
Balaji Srinivasan
सितंबर 29, 2025 AT 21:20शेफाली की इस दुखद मृत्यु ने हमें स्वास्थ्य की कीमत याद दिला दी।
Hariprasath P
सितंबर 29, 2025 AT 22:43बिग बॉस के शैडो साइड को देख कर लगता है कि असली गेम तो दवाइयों का है, लोग बस फ़ैशन फॉलो कर रहे हैं, कोई समझ नहीं।
Rashi Nirmaan
सितंबर 30, 2025 AT 00:06यह स्पष्ट है कि टेलीविजन उद्योग में अनियंत्रित तनाव और स्व-औषधि सेवन न केवल व्यक्तिगत जीवन को अधःपतन की ओर ले जाता है परन्तु सामाजिक स्वास्थ्य को भी खतरा बनाता है इस कारण नियामकों को कड़ा मेडिकल क्लियरेंस लागू करना अनिवार्य है
Ashutosh Kumar Gupta
सितंबर 30, 2025 AT 00:40ऐसा कोई नहीं कहेगा कि यह सब केवल व्यक्तिगत गलती है, बल्कि यह पूरे शो की संस्कृति का दुरुपयोग है-शो के निर्माणकर्ता को इन मुद्दों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और पीछे हटना नहीं चाहिए