नये दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेले गए decisive ODI में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने ओवर रेट मानक पूरा न करने के कारण अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की कठोर कार्रवाई का सामना किया। मैच की समाप्ति पर, ICC ने टीम के सभी खिलाड़ियों पर 10% मैच फीस का जुर्माना लगा दिया, जिससे इस सीज़न की हार और भी कड़वी हो गई।
तीसरा ODI सिर्फ श्रृंखला का निर्णायक नहीं था, बल्कि दोनों पक्षों के बीच हाई‑स्कोरिंग झड़प भी थी। जब बल्लेबाज़ी की लहर तेज़ी से चल रही थी, तब गेंदबाज़ी में देरी ने नियमों के उल्लंघन को और उजागर किया। इस कारण से ICC ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि चाहे खेल कितना भी रोमांचक हो, ओवर रेट को अनदेखा नहीं किया जा सकता।
ओवर रेट का नियम यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक टीम निर्धारित समय में अपना निर्धारित ओवर पूरा करे। ICC के अनुसार, एक ODI में 50 ओवर 3 घंटे 30 मिनट में पूरी करनी होती हैं, यानी लगभग 13.33 ओवर प्रति घंटे।
यदि टीम इस गति को बनाए नहीं पाती, तो उन्हें इकाई में जुर्माना, अंक कटौती या यहां तक कि खिलाड़ियों पर व्यक्तिगत दंड का सामना करना पड़ सकता है। यह नियम खेल को व्यवस्थित रखने, दर्शकों के समय का सम्मान करने और टेलीविजन प्रसारण के शेड्यूल को सुरक्षित रखने के लिए बनाया गया है।
इस बार भारतीय महिला टीम के कोच और कप्तान की भी आलोचना हुई है कि उन्होंने तेज़ी से खेल नहीं चलाया। कई विशेषज्ञों का मानना है कि टीम को इस पहलू पर विशेष प्रशिक्षण देना चाहिए, ताकि भविष्य में इसी तरह के दंड से बचा जा सके।
जैसे ही ICC ने यह जुर्माना लागू किया, भारतीय महिला क्रिकेट के प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराज़गी व्यक्त की, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि यह एक सीख देने वाला कदम है। टीम के प्रबंधन ने बताया कि वे इस दंड को स्वीकार कर रहे हैं और आगे के मैचों में ओवर रेट को बेहतर बनाने के लिए रणनीतिक बदलाव करेंगे।