भारतीय महिला क्रिकेट टीम पर ICC का ओवर रेट जुर्माना, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ निर्णायक ODI में

28 सितंबर 2025
भारतीय महिला क्रिकेट टीम पर ICC का ओवर रेट जुर्माना, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ निर्णायक ODI में

ICC ने लगाया 10% का जुर्माना

नये दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेले गए decisive ODI में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने ओवर रेट मानक पूरा न करने के कारण अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की कठोर कार्रवाई का सामना किया। मैच की समाप्ति पर, ICC ने टीम के सभी खिलाड़ियों पर 10% मैच फीस का जुर्माना लगा दिया, जिससे इस सीज़न की हार और भी कड़वी हो गई।

तीसरा ODI सिर्फ श्रृंखला का निर्णायक नहीं था, बल्कि दोनों पक्षों के बीच हाई‑स्कोरिंग झड़प भी थी। जब बल्लेबाज़ी की लहर तेज़ी से चल रही थी, तब गेंदबाज़ी में देरी ने नियमों के उल्लंघन को और उजागर किया। इस कारण से ICC ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि चाहे खेल कितना भी रोमांचक हो, ओवर रेट को अनदेखा नहीं किया जा सकता।

ओवर रेट नियम और उनका महत्व

ओवर रेट नियम और उनका महत्व

ओवर रेट का नियम यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक टीम निर्धारित समय में अपना निर्धारित ओवर पूरा करे। ICC के अनुसार, एक ODI में 50 ओवर 3 घंटे 30 मिनट में पूरी करनी होती हैं, यानी लगभग 13.33 ओवर प्रति घंटे।

यदि टीम इस गति को बनाए नहीं पाती, तो उन्हें इकाई में जुर्माना, अंक कटौती या यहां तक कि खिलाड़ियों पर व्यक्तिगत दंड का सामना करना पड़ सकता है। यह नियम खेल को व्यवस्थित रखने, दर्शकों के समय का सम्मान करने और टेलीविजन प्रसारण के शेड्यूल को सुरक्षित रखने के लिए बनाया गया है।

  • ओवर रेट की निगरानी का काम मैच ऑफिशियल्स करते हैं।
  • प्रत्येक ओवर के बीच के ब्रेक, स्क्रीन रिव्यू और आउटिंग्स को समय में घटते हुए देखना पड़ता है।
  • यदि टीम 10% से अधिक देर करती है, तो उनके पास अतिरिक्त समय नहीं रहता और दंड निश्चित हो जाता है।

इस बार भारतीय महिला टीम के कोच और कप्तान की भी आलोचना हुई है कि उन्होंने तेज़ी से खेल नहीं चलाया। कई विशेषज्ञों का मानना है कि टीम को इस पहलू पर विशेष प्रशिक्षण देना चाहिए, ताकि भविष्य में इसी तरह के दंड से बचा जा सके।

जैसे ही ICC ने यह जुर्माना लागू किया, भारतीय महिला क्रिकेट के प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराज़गी व्यक्त की, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि यह एक सीख देने वाला कदम है। टीम के प्रबंधन ने बताया कि वे इस दंड को स्वीकार कर रहे हैं और आगे के मैचों में ओवर रेट को बेहतर बनाने के लिए रणनीतिक बदलाव करेंगे।

6 टिप्पणि

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    Nirmal Kumar

    सितंबर 29, 2025 AT 09:55

    इस जुर्माने का असली मतलब ये है कि हम महिला क्रिकेट को अभी भी एक 'साइड इवेंट' समझ रहे हैं। अगर ये आदमियों की टीम के साथ होता, तो क्या इतना सख्त निर्णय लिया जाता? खेल की गति का नियम तो है, लेकिन उसे लागू करने का तरीका भी तो बदलना चाहिए। टीम ने बहुत मेहनत की है, इसे समझना चाहिए।

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    Sharmila Majumdar

    सितंबर 30, 2025 AT 19:57

    ओवर रेट का नियम तो सबके लिए एक जैसा है, लेकिन इस बार टीम के कोच ने गेंदबाज़ों को बार-बार बदलने का फैसला किया, जिससे समय बर्बाद हुआ। ये कोई बड़ी बात नहीं, बस तैयारी की कमी है। ICC ने बिल्कुल सही किया।

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    amrit arora

    अक्तूबर 2, 2025 AT 19:27

    इस बात पर गहराई से सोचना चाहिए कि हम खेल को कैसे देखते हैं। क्या हम बस स्कोरबोर्ड को ही मापदंड बनाते हैं, या खेल की गति, दर्शकों का अनुभव, और टेलीविजन के शेड्यूल को भी समझते हैं? ओवर रेट का नियम एक तकनीकी चीज़ नहीं, बल्कि एक सामाजिक समझ का प्रतीक है। अगर हम इसे नज़रअंदाज़ करते हैं, तो हम खुद को आधुनिक खेल की दुनिया से अलग कर रहे हैं।

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    Ambica Sharma

    अक्तूबर 2, 2025 AT 21:09

    मैं तो बस इतना कहूँगी कि ये जुर्माना बिल्कुल गलत है! जब टीम ने आखिरी ओवर में जीत के लिए बल्लेबाजी की तो क्या उन्हें बाध्य किया जाए कि गेंद फेंक दें बिना सोचे? इन नियमों को तोड़ने के बजाय, इन्हें बदलना चाहिए। मैं इन लोगों के खिलाफ हूँ।

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    Hitender Tanwar

    अक्तूबर 4, 2025 AT 09:54

    ये सब बकवास है। ओवर रेट का नियम तो बस टीवी के लिए बनाया गया है। अगर कोई टीम खेल में जीत रही है, तो उसे धीमे चलने का अधिकार है। ICC को अपने नियम बदलने चाहिए, न कि टीमों को दंड देना चाहिए।

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    pritish jain

    अक्तूबर 5, 2025 AT 22:56

    हम जिस चीज़ को अपने लिए अच्छा मानते हैं, उसे दूसरों के लिए भी लागू करना चाहिए। अगर हम चाहते हैं कि महिला क्रिकेट को सम्मान मिले, तो हमें इस जुर्माने को एक सीख के रूप में लेना चाहिए, न कि एक अन्याय के रूप में। ये टीम ने बहुत कुछ साबित किया है - अब उन्हें ओवर रेट पर भी ध्यान देना होगा। इससे न सिर्फ नियम पूरा होगा, बल्कि खेल का गौरव भी बना रहेगा।

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