अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए कनाडा के नए स्कूल स्थानांतरण दिशानिर्देश

15 दिसंबर 2024
अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए कनाडा के नए स्कूल स्थानांतरण दिशानिर्देश

कनाडा के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए नए दिशानिर्देश

कनाडा ने हाल ही में 2025 में लागू होने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए स्कूल स्थानांतरण दिशानिर्देशों में बदलाव की घोषणा की है। ये नए नियम 8 नवंबर 2024 से प्रभावी होंगे और इनमें किए गए बदलाव का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय छात्र प्रोग्राम (ISP) की अखंडता को बनाए रखना है। ये प्रयास इस दिशा में हैं कि कनाडा में पढ़ाई करने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों का अनुभव सकारात्मक और पूर्णत: सफल हो।

नया अध्ययन परमिट प्राप्त करना अनिवार्य

अब छात्रों के लिए बिना अध्ययन परमिट के अपने संस्थान को बदलना संभव नहीं होगा। नए नियमों के तहत, उन्हें एक नया अध्ययन परमिट प्राप्त करना होगा जब वे किसी नए शिक्षण संस्थान में स्थानांतरित होंगे। इससे पहले केवल ऑनलाइन खाते के माध्यम से सूचना देकर संस्थान बदलने का विकल्प था, लेकिन अब इसके लिए नई प्रक्रिया लागू कर दी गई है।

प्रमुख बिंदु और बदलते दिशा-निर्देश

संवाददाताओं ने बताया कि इंटरनेशनल छात्रों को वर्तमान अध्ययन परमिट में सूचीबद्ध डिजाइन्टेड लर्निंग इंस्टीट्यूशन (DLI) में नामांकित रहना होगा। जिन छात्रों को अपने स्तर को बदलना है, उनके लिए कुछ अपवाद भी हैं। प्राथमिक स्तर से माध्यमिक स्तर की ओर बढ़ने पर उन्हें कोई नया परमिट नहीं लेना होगा यदि उनका मौजूदा परमिट वैध है। लेकिन अगर वे माध्यमिक से पोस्ट-सेकंडरी में जा रहे हैं, तो नया अध्ययन परमिट लेना आवश्यक होगा।

  • प्राथमिक से माध्यमिक स्तर स्थानांतरण – नया अध्ययन परमिट नहीं चाहिए
  • माध्यमिक से पोस्ट-सेकंडरी स्तर स्थानांतरण – नया अध्ययन परमिट अनिवार्य
  • पोस्ट-सेकंडरी में डीएलआई में परिवर्तन – नया अध्ययन परमिट आवश्यक
  • एक ही डीएलआई पर कार्यक्रम परिवर्तन – नया अध्ययन परमिट नहीं चाहिए

नई प्रक्रिया के लिए आवेदन और आवश्यक दस्तावेज

स्थानीय शिक्षा प्रणाली की अखंडता को प्रोत्साहित करने के लिए, छात्रों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका नया संस्थान DLI सूची में है और निलंबन सूची में नहीं है। उन्हें स्कूल स्थानांतरण के लिए एक पत्र सहित आवश्यक दस्तावेज भी प्रस्तुत करना होगा, जो बताता है कि वे अपने स्कूल क्यों बदल रहे हैं। साथ ही वे यह दिखाने के लिए भी उचित सबूत प्रस्तुत करेंगे कि वे नए डीएलआई के लिए आवेदन करने के मापदंडों को पूरा करते हैं।

प्राचीराओं के उल्लंघन के परिणाम

अगर किसी छात्र ने आईआरसीसी को बिना जानकारी से स्कूल बदला, तो उनका अध्ययन परमिट अमान्य हो सकता है या रद्द हो सकता है, जिससे उन्हें देश छोड़ने या अपनी स्थिति बदलने को कहा जा सकता है। इसके अलावा, जो डीएलआई आवश्यक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने में विफल रहते हैं या स्वीकृति पत्र की प्रमाणिकता की जांच नहीं करते, उन्हें एक साल तक नए अंतरराष्ट्रीय छात्रों को स्वीकार करने के निलंबन का सामना करना पड़ सकता है।

आईएसपी की अखंडता बनाये रखने के लिए उठाए गए कदम

इंटरनेशनल स्टूडेंट प्रोग्राम (ISP) की विश्वसनीयता को बनाये रखने के लिए ये बदलाव किए गए हैं। कनाडा का लक्ष्य है कि छात्रों का अनुभव सकारात्मक और सफल हो सके। नवीनतम परिवर्तनों में यह शामिल है कि स्कूल छात्रों के परमिट को मामले से जुड़े आवश्यक अनुपालन रिपोर्ट को सफलतापूर्वक पेश करें। इसके अलग-अलग मामले छात्रों की संख्या का अनुमान रखते हुए देखे जाते हैं ताकि आवेदन प्रक्रिया में कोई परेशानी ना हो। यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है कि छात्रों तथा शिक्षण संस्थानों दोनों की जिम्मेदारियों को परिभाषित किया जा सके।

10 टिप्पणि

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    Ravi Kumar

    दिसंबर 16, 2024 AT 05:36

    ये नए नियम तो बहुत समझदारी से बनाए गए हैं। पहले तो कोई भी स्कूल बदल सकता था, बिना किसी जांच के। अब जो लोग सच में पढ़ना चाहते हैं, उनके लिए ये एक सुरक्षा बन गया है। बस थोड़ा जल्दी अपडेट कर लेना चाहिए, नहीं तो परमिट रद्द हो जाएगा।

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    rashmi kothalikar

    दिसंबर 17, 2024 AT 06:10

    कनाडा अब हमारे लिए भी दरवाजा बंद कर रहा है। पहले तो हम जाकर फ्री में पढ़ते थे, अब तो हर चीज़ पर लाइसेंस चाहिए। ये क्या बन गया है? एक विदेशी छात्रों के लिए बंदरगाह? नहीं, एक ब्यूरोक्रेटिक जेल।

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    Shailendra Thakur

    दिसंबर 18, 2024 AT 17:15

    अगर आप जोर से बोल रहे हैं कि आप पढ़ने आए हैं, तो ये नियम आपके लिए बहुत अच्छे हैं। बस थोड़ा धैर्य रखें, दस्तावेज़ तैयार करें, DLI की लिस्ट चेक करें। अगर आप सच में सीखना चाहते हैं, तो ये बाधाएं नहीं, रास्ते हैं।

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    Sumeet M.

    दिसंबर 19, 2024 AT 11:55

    ये सब बकवास है! हम तो बस पढ़ने आए थे, अब तो हर चीज़ पर अप्लाई करना पड़ता है! जो लोग बस वीज़ा के लिए आते हैं, उनको तो ये नियम बहुत अच्छे लगेंगे! अब तो कनाडा के लिए हम सिर्फ एक नंबर हैं, इंसान नहीं! और फिर भी कहते हैं ‘हम आपका स्वागत करते हैं’!

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    pritish jain

    दिसंबर 21, 2024 AT 00:48

    यह दिशानिर्देश एक नियमित शिक्षा प्रणाली के लिए आवश्यक है। अगर कोई छात्र अपने शिक्षण संस्थान को बदलना चाहता है, तो उसे नियमों का पालन करना चाहिए। यह अनुपालन का मुद्दा नहीं, जिम्मेदारी का मुद्दा है। एक स्थिर शिक्षा व्यवस्था के लिए, ये बदलाव अनिवार्य है। यह अनियमितता को रोकता है, जो कभी-कभी अपराध का ढांचा बन जाती है।

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    Muneendra Sharma

    दिसंबर 22, 2024 AT 11:13

    अगर आप माध्यमिक से पोस्ट-सेकंडरी जा रहे हैं, तो नया परमिट लेना ज़रूरी है। मैंने अपना दोस्त देखा जिसने इसे नज़रअंदाज़ कर दिया, और अब उसका वीज़ा रद्द हो गया। बस एक फॉर्म भर दो, डॉक्यूमेंट्स जमा कर दो। ये कितना मुश्किल है? अगर आप असली नियमों के खिलाफ नहीं जा रहे हैं, तो ये सब बहुत आसान है।

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    Anand Itagi

    दिसंबर 23, 2024 AT 12:53

    मैंने अपना स्कूल बदला था और नया परमिट लिया था तो कोई दिक्कत नहीं हुई। बस डीएलआई की लिस्ट चेक कर लो और लेट न हो जाओ। अगर आप नियमों का पालन करते हो तो कोई समस्या नहीं है। बस धीरे धीरे करो और सब कुछ ठीक कर लो।

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    Shivateja Telukuntla

    दिसंबर 24, 2024 AT 14:48

    कनाडा के नियमों में बदलाव होना तो अच्छी बात है। लेकिन ये सब जानकारी किस तरह पहुंच रही है? अगर छात्रों को इसकी सही जानकारी नहीं मिल रही, तो ये नियम बहुत कमजोर हो जाते हैं। बस एक छोटा सा वीडियो या एक सरल गाइड बना दो, तो बहुत फर्क पड़ जाएगा।

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    Kisna Patil

    दिसंबर 25, 2024 AT 10:48

    इस तरह के नियम बनाने से न केवल छात्रों की रक्षा होती है, बल्कि शिक्षण संस्थानों की भी जिम्मेदारी बढ़ती है। जब आप एक नए स्कूल में जाते हैं, तो आपको यह जांच करनी चाहिए कि वह संस्थान वास्तविक है या नहीं। ये नियम बुरे लोगों को रोकते हैं। और अगर आप सच में पढ़ना चाहते हैं, तो ये बाधाएं नहीं, राहें हैं।

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    vinoba prinson

    दिसंबर 26, 2024 AT 12:21

    अरे भाई, ये सब नियम तो बहुत सूक्ष्म रूप से विकसित हुए हैं। यहाँ तक कि एक छात्र के अध्ययन के उद्देश्य को भी एक विशिष्ट शैक्षिक न्याय के साथ निर्धारित किया गया है। यह एक उच्च शिक्षा व्यवस्था का आदर्श है, जो व्यक्तिगत अनुपालन को एक सामाजिक नैतिकता में बदल देता है। इस तरह के नियमों को बनाने वाले लोगों को विश्व के सामने नामांकित किया जाना चाहिए।

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