26 मई 2025 मौसम अपडेट: दिल्ली-राजस्थान में थोड़ी राहत के बाद लौटेगी भीषण गर्मी, कई राज्यों में बारिश-आंधी का असर

12 जून 2025
26 मई 2025 मौसम अपडेट: दिल्ली-राजस्थान में थोड़ी राहत के बाद लौटेगी भीषण गर्मी, कई राज्यों में बारिश-आंधी का असर

बारिश की राहत, लेकिन गर्मी ने फिर से दी दस्तक

26 मई 2025 को उत्तर भारत के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश और तेज़ आंधी चली। मौसम अपडेट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में बिखरी हुई बारिश के साथ 40-50 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चली। कुछ जगहों पर बदलते मौसम ने रातोंरात तापमान गिरा दिया और स्थानीय लोगों ने राहत महसूस की। खासकर, दिल्ली और चंडीगढ़ जैसे शहरों में लू से परेशान लोगों को कुछ वक्त के लिए राहत मिली।

मौसम विभाग ने आगे चेतावनी दी है कि ये राहत ज्यादा दिन टिकने वाली नहीं। 29-30 मई के आसपास, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में फिर से तेज़ हवाएं (50-60 किमी प्रतिघंटा) के साथ तापमान बढ़ सकता है। राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों में धूलभरी आंधी चलने का भी अनुमान है। जम्मू-कश्मीर-लद्दाख और उत्तराखंड में 30 मई से 2 जून के बीच भारी बारिश के आसार हैं, जिससे इन क्षेत्रों में स्थानीय लोगों और पर्यटकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

गुजरात में बनी रही भट्टी जैसी गर्मी, बाक़ी राज्यों में क्या हुआ?

गुजरात के कई हिस्से लगातार 41-43 डिग्री सेल्सियस (106-111°F) के तापमान में झुलसते रहे। मौसम की मार यहाँ कम नहीं हुई, और सूरत, अहमदाबाद जैसी जगहों पर लोगों को बिना काम घर से बाहर न निकलने की सलाह दी गई।

दक्षिण और पूर्वी भारत की स्थिति थोड़ी अलग रही। इधर, मानसून की दस्तक के कारण पश्चिमी व दक्षिणी राज्यों (जैसे केरल, कर्नाटक) में कहीं-कहीं जोरदार बारिश हुई, जिससे खेती-किसानी को राहत मिली। हालांकि, भारत के केंद्रीय, पूर्वी और दक्षिणी प्रायद्वीपीय इलाकों के लिए मौसम विभाग का अनुमान है कि यहां सामान्य से कम बारिश हो सकती है। इसका असर धान, कपास आदि की बुआई पर पड़ेगा, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है।

आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में तापमान 40 डिग्री के आसपास पहुंचा रहा। बिहार और उत्तर प्रदेश में भी दिन के वक्त अक्सर गर्म हवाएं चलीं, लेकिन शाम होते-होते कुछ इलाकों में बारिश ने लोगों को राहत दी। स्कूलों और दफ्तरों के समय में भी लचीलापन देखने को मिला, कई जगह बच्चों को आधी छुट्टी दी गई।

गौर करने वाली बात है कि पूरे मई महीने भर, अलग-अलग राज्यों में मौसम ने बार-बार करवट बदली। कभी बारिश ने राहत दी, तो कभी अचानक तेज़ धूप ने परेशानी बढ़ाई। मौसम विभाग बार-बार लोगों को सलाह दे रहा है कि तेज़ धूप और गर्मी में बाहर न निकलें, खासकर दोपहर 12 से शाम 4 के बीच। अगले कुछ रोज़ दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान जैसे इलाकों में भीषण गर्मी लौट सकती है, ऐसे में लोग सतर्क रहें।

  • दिल्ली-राजस्थान में 29-30 मई को तेज़ धूलभरी आंधी चल सकती है।
  • उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश के दौरान लैंडस्लाइड का भी खतरा है।
  • गुजरात में लगातार तापमान बेहद ऊँचा बना हुआ है।
  • दक्षिण भारत में कुछ जगह अच्छी बारिश, लेकिन मध्य भारत में अब भी सूखा है।

भारतीय मौसम विभाग का रिकॉर्ड बताता है कि इस बार मई में औसत से ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। कहीं राहत की बारिश तो कहीं तेज़ गर्मी—दोनों का असर जनता की दिनचर्या पर साफ़ दिखता है।

10 टिप्पणि

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    Shivateja Telukuntla

    जून 12, 2025 AT 19:40

    26 मई की बारिश तो बस एक छोटी सी छुट्टी लगी, अब फिर से गर्मी का जलवा। दिल्ली में तो बस एक दिन के लिए एयरकूलर बंद कर दिया, अब फिर से चलाना पड़ेगा।

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    Ravi Kumar

    जून 14, 2025 AT 06:57

    भाई ये मौसम तो अब बिल्कुल अनियमित हो गया है! एक दिन बारिश, अगले दिन धूलभरी आंधी, फिर लू का जलवा। दिल्ली में तो बच्चे भी घर से बाहर निकलने से डर रहे हैं। किसानों की तो बात ही अलग है - बुआई का वक्त चला गया, अब क्या करें? ये जलवा तो सिर्फ गर्मी का नहीं, हमारे सिस्टम का भी है।

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    rashmi kothalikar

    जून 16, 2025 AT 04:22

    अब तो सरकार भी बेकार निकल रही है। बारिश आए तो बताती है, गर्मी आए तो बताती है, लेकिन क्या करती है? जब तक हमारे लोग अपनी आदतें बदलेंगे - एसी बंद करके पंखे से ठंडा होना सीखेंगे - तब तक ये त्रासदी चलती रहेगी।

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    vinoba prinson

    जून 16, 2025 AT 10:16

    मौसम विज्ञान के आधार पर, यह घटनाक्रम एक उष्णकटिबंधीय उच्च दबाव के साथ उत्तरी हिंद महासागरीय अवस्था के संयोग से उत्पन्न हुआ है, जिसमें लवणता और समुद्री तापमान विचलन का अप्रत्यक्ष प्रभाव देखा जा सकता है। यह एक जलवायु अनुक्रमिकता का लक्षण है, जिसे नियंत्रित करने के लिए स्थानीय जल संरक्षण नीतियों का पुनर्मूल्यांकन आवश्यक है।

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    Shailendra Thakur

    जून 17, 2025 AT 08:32

    मैंने देखा कि अहमदाबाद में लोग अब शाम को बाहर निकल रहे हैं, बच्चे बारिश के बाद गीली धरती पर खेल रहे हैं। ये छोटी छुट्टियां ही हमें जीने का तरीका सिखाती हैं। बस थोड़ा धैर्य रखें, और घर पर बारिश की आवाज़ सुनें। ये भी जीवन है।

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    Gowtham Smith

    जून 19, 2025 AT 05:14

    गुजरात की गर्मी तो भारत की असली ताकत है! जहां दूसरे राज्य बारिश के लिए रो रहे हैं, वहीं गुजरात अपने तापमान से दुनिया को चुनौती दे रहा है। ये नहीं कि हम बर्बर हैं - हम अनुकूलित हैं! अगर आपका एसी बंद हो गया, तो आपकी आत्मा की शक्ति का परीक्षण हो रहा है।

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    Sumeet M.

    जून 21, 2025 AT 05:09

    क्या ये सब सिर्फ मौसम की गलती है?! नहीं! ये तो हमारी नीतियों की नाकामी है! बारिश के बाद जल संचय नहीं किया गया, न तो वृक्षारोपण किया गया, न ही शहरों को हरा-भरा बनाया गया! अब जब गर्मी आ रही है, तो फिर से लोगों को घर में बैठे रहने की सलाह दी जा रही है?! ये तो बेवकूफी है! इस बार नहीं, अगले साल भी यही होगा!

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    Muneendra Sharma

    जून 22, 2025 AT 03:21

    मैंने अपने गांव में देखा - जहां बारिश नहीं हुई, वहां किसानों ने अपने टैंकों का पानी बचाकर धान की बुआई की। अब वो बारिश के बारे में नहीं, बल्कि पानी के बारे में सोच रहे हैं। ये असली अनुकूलन है। हमें भी ऐसा ही करना होगा - बस बारिश का इंतज़ार नहीं, बल्कि जल संरक्षण का जुनून।

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    ASHOK BANJARA

    जून 23, 2025 AT 12:58

    मौसम के उतार-चढ़ाव को देखकर लगता है कि प्रकृति हमें एक संदेश भेज रही है - कि हम इसे अपना दुश्मन नहीं, बल्कि अपना साथी समझें। हमने पेड़ काटे, नहरें भर दीं, नदियों को बंद कर दिया। अब जब बारिश आती है, तो बाढ़ आ जाती है। जब गर्मी आती है, तो लू आ जाती है। क्या हम नहीं समझते कि ये हमारे कर्मों का फल है? अगर हम अपने घर के बाहर का जंगल बहाल करें, तो बारिश अपने आप आएगी। ये विज्ञान नहीं, ये जीवन है।

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    Kisna Patil

    जून 24, 2025 AT 16:36

    हम जब बच्चे थे, तो बारिश के दिन घर के बाहर खेलते थे। आज बच्चे एसी के पीछे छिपे हैं। क्या हमने अपने बच्चों को प्रकृति से अलग कर दिया? ये गर्मी, ये बारिश - ये सब उनकी यादें बन रही हैं। हमें बस यही सीखना है - प्रकृति के साथ रहना, उसके खिलाफ नहीं।

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